कुंडली में वर्ण क्या होता है?
वर्ण का अर्थ होता है स्वभाव और रंग। वर्ण चार प्रकार होते हैं- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। लड़के या लड़की की जाति कुछ भी हो लेकिन उनका स्वभाव और रंग इन चारों में से कोई एक होगा। कुंडली मिलान में इस मानसिक और शारीरिक मेल का बहुत महत्व है।
शादी की तारीख कैसे निकाले?
कुंडली में जो 7वां घर होता है, वह विवाह के विषय में बताता है। वर अथवा कन्या का जन्म जिस चंद्र नक्षत्र में होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने में प्रयोग किया जाता है। वर-कन्या की राशियों में विवाह के लिए एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिए लिया जाता है।
शूद्र वर्ण क्या होता है?
शूद्र भारत में हिन्दू वर्ण व्यवस्था के चार वर्णों में से एक है। जो कि जन्म के आधार पर ना होकर कर्म के आधार पर थी। में ऋग्वेद, महाभारत और अन्य प्राचीन वैदिक धर्मग्रंथों का हवाला देते हुए वे कहते हैं कि शूद्र मूल रूप से आर्य थे और वे क्षत्रिय थे।
शूद्र में कौन कौन जाति आती है?
अपेक्षाकृत रूप से अंत: शूद्र जातियों के शिखर पर आसीन संपन्न जमींदार समूहों जैसे कम्मा, रेड्डी, कापू, गौड़ा, नायर, जाट, पटेल, मराठा, गुज्जर, यादव, इत्यादि जातियां दशकों से खुद ब्राह्मण-बनिया जातियों की आदतों और पूर्वाग्रहों को अपनाने में लगीं थीं.
मुहूर्त कैसे देखते हैं?
मुहूर्त निकालने की प्रक्रिया सबसे सरल है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए किसी पंडित या ज्योतिषाचार्य से एक बार जरूर चर्चा कर लेनी चाहिए। - विवाह की शुभ तिथि जानने के लिए वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है। - वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है।